Monday, September 19, 2016

इंद्र जिमि जंभ पर...

 
 
इंद्र जिमि जंभ पर, बाढव सुअंभ पर,
रावन सदंभ पर,रघुकुलराज है !

 
पौन बारिबाह पर, संभु रतिनाह पर,
ज्यों सहसबाह पर, राम द्विजराज है !

दावा द्रुमदंड पर, चीता मृगझुंड पर,
भूषन वितुंड पर, जैसे मृगराज है !

तेज तम अंस पर, कान्ह जिमि कंस पर,
त्यों मलिच्छ बंस पर, सेर सिवराज है !